सरस्वती नदी का उद्गम स्थान //SARASWATI RIVER POINT OF ORIGIN
प्रकृति रहस्यों का घर है। इसकी गोद में न जाने कितने रहस्य छुपेहुए हैं। ऐसे एक रहस्य की बात कर रही हूं। वह एक रहस्यमयी नदी है जिसका नाम है सरस्वती। यह भारत तथा उत्तराखंड की सबसे पवित्र नदी मनी जाती है।
*उद्गम स्थल*
सरस्वती नदी का उद्गम स्थान चमोली के देवताल से होता है ।
यह माना जाता है कि श्राप कर कारण ये नदी केशव प्रयाग में विलुप्त हो जाती है यह स्थान बद्रीनाथ धाम के समीप है।
केशव प्रयाग में यह नदी लुप्त होते दिखाई दे रही है ।
*विलुप्त होने का कारण*
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस नदी के समीप वेदव्यास जी ने महाभारत , वेद , तथा पुराणों की रचना की तथा लिखने का कार्य श्री गणेश भगवान को सौंप दिया गया ।
जब गणेश भगवान महाभारत लिखने लगे तो उन्हें तो उन्हें व्यास जी की कोई बात सुनाई नहीं दी क्योंकि सरस्वती नदी का वेग तथा आवाज़ सभी नदियों में सबसे तेज़ है , तब व्यास ने सरस्वती नदी से आग्रह किया कि वे अपनी वेग की ध्वनि कम करें लेकिन नदी ने कहा कि वह यह करने में असमर्थ है , जिस कारण व्यास ने उन्हें विलुप्त होने का श्राप दे दिया। लेकिन सरस्वती के आग्रह पर व्यास ने कहा कि तुम धरती के नीचे पाताल लोक में बहती रहोगी और तुम्हारा अस्तित्व कभी ख़त्म नहीं होगा ।
इसी नदी पर स्वर्ग यात्रा के दौरान पांडवो से जब इसके वेग के कारण नदी पार नहीं हुई तो भीम द्वारा एक विशाल शीला लगाकर एक पुल बनाया गया जो आज भी भीम पुल के नाम से विख्यात है ।
*दर्शन स्थल*
सरस्वती नदी के दर्शन उत्तराखंड के बद्रीनाथ के अलावा प्रयागराज में भी होती है।इस नदी का मिलन गंगा यमुना के साथ प्रयागराज में होता है जिसके कारण इसे त्रिवेणी घाट भी कहा जाता है और ये भारत का सबसे बड़ा पवित्र संगम माना जाता है जहां से यह नदी फिर विलुप्त हो जाती है ।यहां पर हर बारह साल में कुंभ का मेला लगता है ।
*विशेषताएं*
सरस्वती नदी का जल गंगा के समान स्वच्छ तथा पवित्र है , कोई भी व्यक्ति अगर उत्तराखंड आए तो इस नदी के दर्शन जरूर करें , तथा इसका जल जरूर ले जाए।
(English translation)
Nature is home to mysteries. It is unknown how many secrets have been silenced. I am talking about such a mystery. It is a mysterious river named Saraswati. It is considered the most sacred river of India and Uttarakhand.
*Point of origin*
The river Saraswati originates from the Deotal of Chamoli.
It is believed that due to the curse, this river becomes extinct in Keshav Prayag, this place is near Badrinath Dham.
This river is seen disappearing in Keshav Prayag.
* Extinction Reason *
According to mythological beliefs, Ved Vyas Ji composed Mahabharata, Vedas and Puranas near this river and the work of writing was handed over to Lord Ganesha.
When Ganesha started writing Lord Mahabharata, he did not hear anything about Vyas ji because the velocity and sound of Saraswati river is the loudest of all rivers, then Vyasa urged Saraswati river to reduce the sound of its velocity but the river Said that he is unable to do this, which is why Vyas cursed him to extinction. But on the request of Saraswati, Vyas said that the Hades will flow under the earth and your existence will never end.
During the Swarga Yatra on this river from Pandavas when its velocity did not occur on the river, a bridge was built by Bhima with a huge sheela which is still known as Bhima bridge.
* Sightseeing *
Apart from Badrinath in Uttarakhand, the Saraswati river is also seen in Prayagraj. This river merges with the Yamuna at Prayagraj, due to which it is also called Triveni Ghat and is considered to be the largest sacred confluence of India from where it The river then becomes extinct. The Kumbh Mela is held here every twelve years.
*Features*
The water of the Saraswati river is as clean and holy as the Ganges, if any person comes to Uttarakhand, then he must visit this river, and take its water.
Bahut sundar jankari dene Ke liye aapko bahut bahut dhanywad 🙏🙏
ReplyDeleteWe are very Thankfull that we have got people like you who makes these type of knowlegable Content on the web 🙏🏻❤तिम्रो आभार❤
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