जोशीमठ नरसिंह देवता // JOSHIMATH NARSINGH DEVTA
- आज मैं उत्तराखंड के एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर की बात करने जा रही हूं जो चमोली के जोशीमठ शहर में स्थित है ।इसको ज्योतिर मठ या शंकराचार्य मठ भी कहा जाता है ।
- भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार आठवीं शताब्दी में शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना की थी जिसमें से एक प्रमुख मठ है। यह स्थान भगवान बद्रीनाथ को अति प्रिय है। तथा शीतकालीन बद्री नारायण भगवान की मूर्ति यही दर्शन के लिए रखी जाती है। यह नरसिंह भगवान का मंदिर है।
- जो विष्णु भगवान के चौथे अवतार थे। सप्त बद्री में से एक होने के कारण इस मंदिर को नरसिंह बद्री तथा नरसिम्हा बद्री भी कहा जाता है ।इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि यह मंदिर संत बद्री का घर हुआ करता था । तथा यहा संतों का काफी आना जाना रहता था। यह मंदिर 1200वर्ष पुराना है ।कहां जाता है की शंकराचार्य ने स्वयं इस स्थान पर भगवान नरसिंह की शालिग्राम मूर्ति की स्थापित की थी।
- ऐसी मान्यता है कि आदि गुरु शंकराचार्य जी जिस दिव्य शालिग्राम कि यहां पर पूजा करते थे उसमें अचानक से भगवान नरसिंह की मूर्ति उभर कर आई उसी क्षण उन्हें भगवान विष्णु के दर्शन हुए तथा भगवान विष्णु ने उन्हें नरसिंह के रूद्र रूप की जगह शांत रूप के दर्शन दिए।
- माना जाता है कि आठवीं शताब्दी में कश्मीर के राजा ललितादित्य के शासन काल मैं इस मूर्ति तथा मंदिर का निर्माण किया गया। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुई। यह मूर्ति लगभग 10 इंच की है यहां पर भगवान नरसिंह कमल में विराजमान है। भगवान नरसिंह यहां पर बद्रीनारायण उद्धव तथा कुबेर के साथ विग्रह रूप में है।कहा जाता है कि प्रह्लाद को भी यहीं पर भगवान नरसिंह के शांत रूप के दर्शन हुए थे।
- रहस्य
नरसिंह भगवान मूर्ति के संदर्भ में यह रहस्यमयीबात केदारखंड के सनत कुमार संहिता में कहा गया है कि जब भगवान नरसिंह की मूर्ति से बाएं हाथ की कलाई टूट कर गिर जाएगी तो विष्णु प्रयाग के समीप पट मिला नामक स्थान पर स्थित जय एवं विजय नाम के पहाड़ आपस में मिल जाएंगे तब बद्रीनाथ के दर्शन नहीं हो पाएंगे इसके बाद बद्रीनाथ भगवान के दर्शन भविष्य बद्री में होंगे जो जोशीमठ से 22 किलोमीटर आगे है भविष्य बद्री के बारे में लोग यहां तक बताते हैं कि भविष्य बद्री में एक शिलाखंड पर भगवान विष्णु की मूर्ति आकारिक हो रही है जो भविष्य के बद्रीनाथ भविष्य बद्री होंगे।
*आप लोग जब भी जोशीमठ आए तो भगवान नरसिंह के दर्शन जरूर करें*
*ENGLISH TRANSLATION*
Today I am going to talk about a mysterious temple in Uttarakhand which is located in the city of Joshimath in Chamoli. It is also called Jyotir Math or Shankaracharya Math.
According to Indian mythology, Shankaracharya established four monasteries in the eighth century, one of which is the main monastery. This place is very dear to Lord Badrinath. And the idol of the god of winter Badri Narayan is kept for this darshan. This is the temple of Lord Narasimha.
- Who was the fourth incarnation of Lord Vishnu. Being one of Sapta Badri, this temple is also called Narasimha Badri and Narasimha Badri. The special feature of this temple is that this temple used to be the home of Saint Badri. And here a lot of saints used to come and go. This temple 1200 years old.
Where is the year old?
- It is believed that the idol of Lord Narasimha suddenly emerged in the divine Shaligram that Adi Guru Shankaracharya used to worship here, the moment he saw Lord Vishnu and Lord Vishnu gave him the quiet form instead of Rudra form of Narasimha. lamps.
- It is believed that this statue and temple were built in the reign of King Lalitaditya of Kashmir in the eighth century. But some believe that the idol manifested itself. This idol is about 10 inches and Lord Narasimha sits in a lotus. Lord Narasimha is here in the form of Deity with Badrinarayan Uddhav and Kubera. Prahlada is said to have seen the serene form of Lord Narasimha here.
- mystery
In the context of Narasimha Lord Murthy, this mysterious thing has been said in Sanat Kumar Samhita of Kedarkhand that when the left hand wrist will fall from the idol of Lord Narasimha, then the mountains named Jai and Vijay, located at a place called Pat Mila near Vishnu Prayag. Badrinath will not be able to see each other after that, after this, Badrinath will be seen in Bhavishya Badri, which is 22 kilometers ahead of Joshimath, people even tell about the future Badri that the idol of Lord Vishnu on a stone block in Bhavishya Badri What is happening will be the future Badrinath future Badri.
* Whenever you come to Joshimath, you must see Lord Narasimha *
----SANDHYA K JAMLOKI.
Good
ReplyDeleteIts very Impressive 😍👀📝
ReplyDelete🙏
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