ब्रह्मा कपाल आखिरी पिंड दान स्थान//A last pinddaan place brahm kapal

ब्रह्म कपाल उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम में स्थित है यह बद्रीनाथ मंदिर  से लगभग 500 मीटर की दूरी पर अलकनंदा नदी तट पर स्थित है इस स्थान को  पित्रमोक्ष स्थान भी कहा जाता है।

  • यहां के पुरोहितों द्वारा बताया जाता है कि भगवान शंकर के रूद्र अवतार ने ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया था जिससे भगवान को ब्रहम हत्या लग गई थी इसी के निवारण के लिए शंकर भगवान ने यहां पर मोक्ष की कामना से पिंडदान किया था तथा ब्रह्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया था। तभी से यह स्थान ब्रह्म कपाल के नाम से जाना जाता है।


  •  अलकनंदा नदी के तट पर एक बड़ी काली शिला कपाल के समान है। इसी स्थान पर लोग अपने पूर्वजों तथा पितरों की मोक्ष की कामना से आखरी पिंड दान करते हैं। क्योंकि पहला पिंडदान गया में रेत का किया जाता है जहां पर भगवान के पैर हैं। दूसरा पिंड दान काशी मे कुश से किया जाता है। जो भगवान का नाभि भाग है। कथा आखरी पिंडदान बद्रीनाथ के ब्रह्म कपाल में बद्रीनाथ भगवान के झूठे भोग से किया जाता है। लोग यहां पर अपने सात पीढ़ियों पहले तक का पिंड दान करते हैं तथा उनकी मोक्ष की कामना करते हैं।


  • यहां पर एक हवन कुंड  भी है जिसमें हवन करके मनुष्य अपने पित्र दोषो तथा कष्टों से निवारण पा लेता है तथा उनको कभी भी दुबारा पिंड दान नहीं करना पड़ता है और उसके पितरों को वैकुंठ धाम प्राप्त हो जाता है उसके बाद मनुष्य भी सारे कष्टों से दूर हो जाता है।


  • अंत में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करके तथा आशीर्वाद लेकर लोग अपने घर को लौट जाते है इसलिए कहते हैं पितरों का आशीर्वाद सबसे बड़ा आशीर्वाद होता है ।पितरों का श्राप भी सबसे बड़ा होता है इसलिए अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। तथा उनको प्यार देना चाहिए।


*English translation*

  • Brahma Kapal is located in Badrinath Dham in Chamoli district of Uttarakhand, about 500 meters from the Badrinath temple, on the banks of the Alaknanda River, this place is also known as Pitramoksha place.
 

  •  It is told by the priests here that Rudra avatar of Lord Shankar had cut off the fifth head of Brahma, which caused the Lord to be killed by Brahma, to prevent this, Lord Shankar had given his life here by wishing for salvation and blessing of Brahma.  had received.  Since then, this place is known as Brahma Kapala.


  •  A large black rock on the banks of the Alaknanda River is like a skull.  This is the place where people donate the last body with the wishes of their ancestors and ancestors for salvation.  Because the first pinddan is done of sand in Gaya where the feet of God are.  The second mass donation is done from Kush in Kashi.  Which is the navel of God.  The story is performed with the false enjoyment of Badrinath Bhagwan in the Brahman Kapala of the last Pinddan Badrinath.  People here donate their bodies up to seven generations ago.  And their salvation is wished.
 


  •  Here a havan kund has been given in which a person is able to get rid of his father dosha and sufferings by doing havan and he never has to donate the body again and his father gets the Vaikuntha Dham after that the man is away from all the troubles.  goes.


  •  Finally, after seeing Lord Badrinath and returning with blessings, he returns to his home, therefore it is said that the blessing of fathers is the greatest blessing. The curse of fathers is also the biggest, so one should respect his elders.  And they should be given love.


----SANDHYA K JAMLOKI..


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